1.
ईरान और इज़राइल के बीच युद्ध की शुरुआत कब और क्यों हुई?
इस हमले में ईरान के प्रमुख परमाणु संयंत्र जैसे नतांज (Natanz), फोर्दो (Fordow), तबरीज़ और तेहरान के पास स्थित रक्षा और ऊर्जा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया।
इज़राइल का तर्क है कि ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियार बना रहा है जो पूरे क्षेत्र के लिए बड़ा खतरा है। इसी आशंका के चलते इज़राइल ने यह कदम उठाया।
ईरान ने इसे "घोषित युद्ध" माना और जवाबी कार्रवाई में मिसाइल हमले शुरू किए।
2. ईरान का साथ कौन-कौन से देश या समूह दे रहे हैं?
ईरान को सीधे तौर पर कई शिया समर्थक समूहों और कुछ देशों का समर्थन मिल रहा है।
हेज़बोल्ला (Hezbollah): लेबनान स्थित शिया उग्रवादी समूह जो ईरान के समर्थन में इज़राइल पर हमले करता रहा है।
हूथी विद्रोही (Yemen): ये विद्रोही समूह भी ईरान समर्थक हैं और उन्होंने इस युद्ध में इज़राइल विरोधी बयान दिए हैं।
इराक के शिया मिलिशिया: जो ईरान के साथ गठबंधन में हैं।
सीरिया की सरकार: जो ईरान की करीबी मानी जाती है।
राजनयिक तौर पर ईरान को रूस और चीन जैसे देशों से भी परोक्ष समर्थन मिला है। ये देश पश्चिमी देशों के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए ईरान का पक्ष लेते हैं, हालांकि खुलकर युद्ध में शामिल नहीं हुए हैं।
3. इज़राइल का समर्थन कौन-कौन कर रहा है?
इज़राइल को इस युद्ध में कई बड़े और शक्तिशाली देशों का समर्थन मिल रहा है:अमेरिका (USA): सबसे बड़ा और पुराना सहयोगी। इज़राइल को हथियार, सुरक्षा, तकनीक और खुफिया जानकारी मुहैया कराता है।
ब्रिटेन और फ्रांस: इन देशों ने भी इज़राइल के आत्मरक्षा के अधिकार को स्वीकार किया है।
जर्मनी और अन्य G7 देश: इन्होंने इस हमले की निंदा नहीं की, बल्कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को वैश्विक खतरा बताया।
सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE): ये देश खुलकर नहीं आए हैं, लेकिन गुप्त रूप से इज़राइल को खुफिया और सामरिक समर्थन दे रहे हैं क्योंकि ये भी ईरान के बढ़ते प्रभाव से चिंतित हैं।
4.
अब तक इस युद्ध में कितने लोग मारे गए हैं?
- ईरान में: करीब 224 से 240 लोग मारे गए हैं, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। घायल लोगों की संख्या 600 से अधिक बताई जा रही है। कई प्रमुख वैज्ञानिक और सेना अधिकारी भी हवाई हमलों में मारे गए हैं।
इस युद्ध ने ना केवल सैन्य संस्थानों को नुकसान पहुंचाया है बल्कि आम जनजीवन को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है।
(Pic: Al-Jazeera)
5.
क्या भविष्य में यह युद्ध कभी रुकेगा?
- ईरान का कहना है कि वह जब तक इज़राइल हमला करता रहेगा, तब तक जवाबी कार्रवाई करता रहेगा।
- इज़राइल का कहना है कि वह ईरान की परमाणु क्षमता को पूरी तरह खत्म करना चाहता है, जिससे भविष्य में खतरा न हो।
संभावनाएं:
- अगर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा तो शायद दोनों पक्ष संघर्ष विराम के लिए राजी हो सकते हैं।
- लेकिन जब तक ईरान परमाणु कार्यक्रम बंद नहीं करता और इज़राइल अपने सैन्य अभियान नहीं रोकता, तब तक यह युद्ध चलता रह सकता है।
निष्कर्ष:

.png)