"COVID के बाद अचानक हार्ट अटैक से मौतें क्यों बढ़ीं? युवा हो जाएं सावधान – ये हैं छिपे कारण"

 जवान उम्र में हार्ट अटैक क्यों हो रहा है? जानिए असली वजह और बचाव के तरीके

आजकल सिर्फ 25–35 साल के युवाओं को भी हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर समस्याएं हो रही हैं। पहले यह सिर्फ 50 की उम्र के बाद होता था, लेकिन अब 20s और 30s में भी लोगों की अचानक मौत की खबरें सामने आ रही हैं।

A boy laying down on bed in fear of anxiety about heart attack in India

क्या कोविड-19 वैक्सीन है इसका कारण?

बहुत से लोग यह सोचते हैं कि क्या COVID-19 वैक्सीन हार्ट अटैक की वजह बन रही है?
वर्तमान वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, वैक्सीन का हार्ट अटैक से डायरेक्ट संबंध साबित नहीं हुआ है।
हाँ, कुछ मामलों में Myocarditis (दिल की सूजन) जैसे side effects रिपोर्ट हुए हैं, लेकिन ये दुर्लभ हैं और ज्यादातर मामलों में यह कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

WHO और ICMR की रिपोर्ट्स में भी यही कहा गया है कि वैक्सीन से बचाव ज्यादा है, नुकसान नहीं।
फिर भी, जिन लोगों को पहले से हार्ट प्रॉब्लम या ब्लड क्लॉटिंग की दिक्कत हो, उन्हें वैक्सीन लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

 क्या COVID-19 के बाद हार्ट से जुड़ी बीमारियाँ बढ़ी हैं?

हां, कोविड के बाद कुछ मरीजों में पोस्ट-COVID साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं, जैसे ब्लड क्लॉटिंग, दिल की धड़कन बढ़ना या थकान रहना।
हालांकि, हर मामले में COVID या वैक्सीन को ज़िम्मेदार ठहराना सही नहीं होगा। जरूरी है कि हम सही डेटा और मेडिकल सलाह पर भरोसा करें।


तो फिर इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक का कारण क्या है?

1. अत्यधिक स्ट्रेस और चिंता

आज की भाग-दौड़ वाली लाइफस्टाइल में युवा हर समय टेंशन में रहते हैं — करियर, पैसा, रिलेशनशिप। ये मानसिक दबाव दिल पर सीधा असर करता है।

2. ज्यादा देर तक बैठना और कम फिजिकल एक्टिविटी

Gym जाना छोड़िए, आजकल के युवा चलते भी नहीं हैं। घंटों मोबाइल या लैपटॉप पर बैठे रहना, शरीर को निष्क्रिय बनाता है और यही धीरे-धीरे दिल को कमजोर करता है।

3. जंक फूड और डाइटिंग के नाम पर शरीर से खिलवाड़

Pizza, Burger, Cold Drink और बाहर का तला-भुना खाना शरीर में बुरा कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है। इससे आर्टरी ब्लॉक होने लगती हैं।

4. Smoking और Alcohol का बढ़ता चलन

बहुत से युवा "cool" दिखने के लिए धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं — लेकिन यही सबसे पहले दिल पर असर करता है।

5. कम उम्र में स्टेरॉयड या जिम सप्लीमेंट्स

फिट दिखने के लिए बिना सलाह के बॉडीबिल्डिंग प्रोडक्ट्स या स्टेरॉयड लेना — दिल को सबसे बड़ा नुकसान यहीं से होता है।

6. खान-पान की गड़बड़ी और नींद की कमी

सुबह 4 बजे तक जागना, ब्रेकफास्ट न करना, दिनभर चाय-कॉफी पीना — यह सब मेटाबॉलिज्म बिगाड़ते हैं और हार्ट को रिस्क में डालते हैं।

क्या हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट एक ही चीज़ हैं?

बहुत लोग दोनों को एक जैसा मानते हैं, लेकिन ये अलग हैं।
  • हार्ट अटैक तब होता है जब दिल की मांसपेशियों तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है।
  • कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है।                                                               दोनों जानलेवा हैं, लेकिन कारण और इलाज अलग होते हैं।


क्या करें जिससे हार्ट अटैक से बचा जा सके?

1. रोज़ 30 मिनट चलना या हल्का योग करना

Exercise आपके दिल को मजबूत बनाता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है।
 

2. हर साल हेल्थ चेकअप जरूर कराएं

BP, Sugar, ECG जैसे टेस्ट जल्दी खतरे का पता लगा सकते हैं।
 

3. नींद पूरी लें — कम से कम 7 घंटे

नींद से शरीर की मरम्मत होती है और हार्ट को आराम मिलता है।
 

4. धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं

भले ही पार्टी का हिस्सा हो, लेकिन लंबी ज़िंदगी के लिए 'ना' कहना जरूरी है।
 

5. तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन या 'Me Time' रखें

हर दिन कुछ समय खुद के लिए निकालें — किताबें पढ़ें, म्यूजिक सुनें, या बस शांत रहें।


Mental Health का दिल से क्या रिश्ता है?

आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में डिप्रेशन, एंग्जायटी और ओवरथिंकिंग भी दिल की बीमारियों का कारण बन रही हैं।
जिनका मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है, उनमें हार्ट डिजीज़ का खतरा 2x अधिक होता है।

अंतिम बात: सावधानी ही सुरक्षा है

हार्ट अटैक सिर्फ बुज़ुर्गों की बीमारी नहीं रही। अब यह लाइफस्टाइल की बीमारी बन चुकी है।
युवाओं को अब समय रहते स्वस्थ आदतें अपनानी होंगी, वरना ये ट्रेंड खतरनाक साबित हो सकता है।

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