Gen Z की Fake Shaadi का नया ट्रेंड: शादी के नाम पर सिर्फ मस्ती और फोटो!

“शादी हो रही है… पर कोई शादी नहीं हो रही है।”
ये लाइन पहली बार सुनो तो मज़ाक़ लगेगा। लेकिन आज के Gen Z यूथ ने इसे असली बना दिया है। Fake Wedding यानी नकली शादी – एक ऐसा ट्रेंड जो इंडिया में चुपचाप से तेज़ी से पांव पसार रहा है। किसी की शादी नहीं हो रही, लेकिन सब लोग बारात में आ रहे हैं, नाच रहे हैं, मंडप सजा है, वरमाला भी है, और डीजे भी। फर्क बस इतना है – यहां कोई दूल्हा-दुल्हन असल में शादी नहीं कर रहे।

अब सवाल उठता है – आखिर क्यों कर रहे हैं लोग ऐसा? शादी तो एक गंभीर रिश्ता होता है, फिर मस्ती के लिए इसकी एक्टिंग क्यों?


Gen Z के बीच वायरल हो रही Fake Shaadi का नया ट्रेंड, जहां बिना असली शादी के होती है मस्ती, संगीत और ड्रामा



असल में इस ट्रेंड के पीछे सिर्फ मज़ाक़ नहीं है – इसके पीछे एक सोच है। आज की नई पीढ़ी, खासकर Gen Z, चीजों को नए नजरिए से देख रही है। उन्हें शादी का concept तो अच्छा लगता है – कपड़े, फोटो, सजावट, संगीत, सोशल मीडिया वाली grand entry – लेकिन उन्हें उससे जुड़ा emotional pressure, responsibility, और lifelong commitment अभी मंजूर नहीं। ऐसे में उन्होंने एक नया तरीका निकाल लिया – “शादी का vibe चाहिए… शादी नहीं।”

दिल्ली, पुणे, बेंगलुरु जैसे शहरों में इस तरह की Fake Weddings secret groups के ज़रिए प्लान हो रही हैं। इसमें 18 से 30 की उम्र के युवा लोग शामिल होते हैं – कुछ दोस्त होते हैं जो दूल्हा-दुल्हन बनते हैं (बिना असली रिलेशनशिप के), बाकी सब बाराती, फोटोग्राफर, डीजे, हलवाई, सब कुछ किराए पर होता है। किसी हॉल में सेटअप होता है और पूरे पैसे आपस में बांट कर खर्च किया जाता है – ₹1000 से ₹3000 per person तक।

अभी हाल ही में एक लड़की ने सोशल मीडिया पर Fake Wedding का वीडियो डाला – फूलों का मंडप, हाथ में वरमाला, सब दोस्त नाच रहे हैं – लेकिन कोई असली शादी नहीं हुई। ये सिर्फ “shaadi for the vibe” था। और हैरानी की बात ये है कि इस वीडियो को लाखों लोगों ने पसंद किया। Reddit और Instagram पर #FakeShaadiParty और #ShaadiForTheVibe जैसे हैशटैग वायरल हो रहे हैं।

अब सवाल ये उठता है कि क्या ये सही है?

बहुत से लोग कहेंगे कि ये शादी जैसे पवित्र रिश्ते का मज़ाक है। बड़े-बुज़ुर्ग कहेंगे कि आजकल के लड़के-लड़कियाँ भावनाओं को हल्के में लेते हैं। लेकिन वहीं दूसरी तरफ, कुछ लोग इसे आज़ादी की नज़र से देख रहे हैं – एक ऐसा तरीका जहां इंसान शादी की चकाचौंध को enjoy कर सकता है, बिना ज़िंदगी भर का बोझ लिए। वो चाहते हैं कि शादी की खुशी को enjoy किया जाए, बिना रिश्तों के जंजाल के।

कुछ युवाओं के लिए ये ट्रेंड एक तरह की rebellion भी है – जहां वो परिवार या समाज के दबाव से बाहर आकर अपनी मर्जी से जीना चाहते हैं। शादी की झूठी timeline (25 की उम्र तक कर लो), relatives की नसीहतें, और mental pressure को पीछे छोड़कर वो सिर्फ खुशी की तलाश में Fake Wedding जैसे unconventional रास्ते चुन रहे हैं।

मगर ये पूरी तरह से मज़ेदार भी नहीं है। ऐसे इवेंट्स में भावनाएं जुड़ सकती हैं। कभी दोस्ती, कभी प्यार, कभी ईगो… और ये भी हो सकता है कि कोई participant emotionally invest हो जाए जबकि दूसरा सिर्फ act कर रहा हो। यानि Fake Wedding के नाम पर feelings असली हो जाती हैं और फिर किसी का दिल टूट सकता है। इसलिए जो लोग इसमें शामिल हो रहे हैं, उनके लिए ये समझना ज़रूरी है कि मस्ती और इमोशन के बीच की रेखा बहुत पतली होती है।

अब practical बात करें – तो ऐसी Fake Weddings organise करना भी कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए costumes, jewellery, event hall, catering, DJ सब कुछ rent पर आता है। Photography और social media content के लिए professionals बुलाए जाते हैं। कुछ लोग इसे खुद प्लान करते हैं, कुछ organizers hire करते हैं। ऐसे इवेंट्स का खर्च ₹20,000 से ₹2 लाख तक भी जा सकता है – लेकिन जब 40–50 लोग मिल कर पैसा डालते हैं, तो cost manageable हो जाती है।

Social media पर ये ट्रेंड इतना वायरल हो चुका है कि कई लोग इसे एक “experience product” की तरह बेचने लगे हैं – “Live the wedding without the stress!” के नाम से। कुछ cafés और halls इस concept को खुद commercialize कर रहे हैं – यानि अब आपको खुद कुछ प्लान भी नहीं करना, बस टिकट खरीदो और fake shaadi party में शामिल हो जाओ। 

अब सोचिए – एक ऐसा समाज जहां शादियाँ सिर्फ रिश्ते नहीं, फोटोज और content creation के लिए हो रही हैं – क्या वो सच्चा है या superficial?

शायद इसका जवाब इतना सीधा नहीं है। कुछ के लिए ये मस्ती और कूल ट्रेंड है, तो कुछ के लिए ये असली रिश्तों से भागने की कोशिश। लेकिन एक बात पक्की है – ये ट्रेंड हमें सोचने पर मजबूर करता है कि आज की युवा पीढ़ी रिश्तों, परंपराओं और खुशी के मायने कैसे बदल रही है।

क्या ये ट्रेंड सही है या गलत – इसका फैसला शायद समय करेगा। लेकिन ये तय है कि Fake Weddings केवल एक ट्रेंड नहीं, बल्कि एक conversation starter बन चुकी हैं।

क्या आपने Fake Wedding के बारे में सुना है? क्या आप भी कभी ऐसी शादी का हिस्सा बनना चाहेंगे — या आपको ये सब दिखावा लगता है? नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं।


FAQs

1. क्या Fake Wedding में दूल्हा-दुल्हन वाकई शादी नहीं करते?

उत्तर:
नहीं, Fake Wedding में दूल्हा और दुल्हन असल में शादी नहीं करते। ये एक symbolical या मज़ाकिया आयोजन होता है जिसमें शादी की रस्में, कपड़े, और मंडप सब असली होते हैं लेकिन कानूनन और धार्मिक रूप से कोई शादी नहीं होती। इसका उद्देश्य सिर्फ मज़ा लेना और शादी जैसा माहौल create करना होता है — बिना जिम्मेदारी के।

2. क्या Fake Weddings भारत में कानूनी तौर पर अनुमति प्राप्त हैं?

उत्तर:
क्योंकि Fake Wedding में कोई असली शादी नहीं होती, इसलिए इसे रोकने या अनुमति देने जैसा कोई कानूनी मामला नहीं बनता। लेकिन अगर इवेंट से कोई व्यक्ति emotionally या socially हानि पहुंचाए, या पैसे का धोखा हो — तब मामला कानूनी बन सकता है। इसलिए आयोजकों और प्रतिभागियों को पूरी transparency और सहमति के साथ इसमें भाग लेना चाहिए।

3. क्या Fake Wedding एक नया बिज़नेस मॉडल बन सकता है?

उत्तर:
जी हां, कई शहरों में ये ट्रेंड अब commercial event service में बदल रहा है। कुछ café और venue organizers इसे एक “wedding vibe experience” के रूप में बेच रहे हैं — जहां user सिर्फ टिकट लेकर fake shaadi का हिस्सा बन सकता है। Future में यह एक नया niche event business बन सकता है जिसमें fashion rental, makeup artist, event planner सभी को नए client मिलेंगे।

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